– लाक डाउन की स्थिति में उनको न उठानी पड़े कोई दिक्कत

रामपुर, 09 अप्रैल-2020 । कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए पूरे देश में किये गए लाक डाउन की स्थिति में समाज के अभिन्न अंग दिव्यांगों को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े, इसका ख्याल रखना भी बहुत ही जरूरी है । इसके लिए सरकार द्वारा भी सम्बंधित विभागों को सतर्क किया गया है कि इन लोगों की जरूरतों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए ।
ईएनटी विशेषज्ञ डा० नितिन कुमार ने कहा कि कोरोना का खतरा जहाँ हर वर्ग को है वही दिव्यांगों को उनकी शारीरिक संरचनाओं के चलते इसका खतरा ज्यादा रहता है । शारीरिक अक्षमताओं के चलते यदि वह खुद से साफ़-सफाई करने में असमर्थ हैं तो उस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है ताकि उनको वायरस के संक्रमण से बचाया जा सके । साबुन-पानी से उनके हाथ धोने की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए ।
आई स्पेशलिस्ट डा० आर० के० सिंह ने कहा कि दृष्टि बाधित लोग इधर-उधर अनावश्यक रूप से किसी वस्तु को छूने न पायें, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है । खांसने या छींकने से पहले वह यदि खुद से सावधानी बरतने की स्थिति में नहीं हैं तो उन्हें मास्क पहनाने के साथ ही हर गतिविधि पर खुद से ध्यान देना और जरूरी बन जाता है । उनको ह्वील चेयर से लाने-ले जाने में भी बहुत ही सावधानी (सोशल डिस्टेंशिंग) बरतनी चाहिए । ह्वील चेयर और अन्य सहायक उपकरणों में यदि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी हो तो उसे दुरुस्त कराने और समय-समय पर उनके सेनेटाइजेशन में उनकी मदद करनी चाहिए । वह घर से बाहर न निकलने पायें इसके प्रति भी ध्यान दें । सूचनाओं के आदान-प्रदान में भी आने वाली दिक्कतों के प्रति ध्यान दिया जाए, उन्हें भी समय-समय पर वर्तमान संकट के प्रति आश्वस्त करते रहना चाहिए । दृष्टि बाधितों को ब्रेल लिपि में कुछ पाठ्य सामग्री मुहैया करना भी उपयोगी साबित हो सकता है ।
आहार विशेषज्ञ अपूर्वा सैनी ने कहा कि दिव्यांगों के खानपान पर भी पूरा ध्यान दिया जाए ताकि वह कोरोना जैसी बीमारियों से आसानी से लड़ सकें । उनके भोजन में उन खाद्य पदार्थों को अवश्य शामिल करना चाहिए जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाले हों । मौसमी फल, हरी सब्जी के साथ ही पीने को गुनगुना पानी देना चाहिए । तुलसी पत्ती, अदरक की चाय और हल्दी मिला दूध भी फायदेमंद हो सकता है । चिकित्सक ने यदि किसी खाद्य पदार्थ को उनकी शारीरिक संरचना के चलते सेवन करने से मना किये हों तो उसे कदापि नहीं देना चाहिए । इसके अलावा उनकी जो दवाएं पहले से चल रहीं हैं उनको जारी रखना चाहिए । हर तरह से उनका ख्याल रखना चाहिए ताकि वह अपने को किसी भी तरह से अकेला न महसूस करें । सुरक्षा मानकों का पूरा ख्याल रखते हुए उनकी देखभाल करने वालों को सेवाओं को जारी रखना चाहिए ।