यह वक्त है सभी लें सामाजिक दूरी बनाने का संकल्प।
सामाजिक व्यवहार में बदलाव कर तथा सावधानी एवं संयम बरतकर कोराेना को दें मात।
रामपुर 11 मई 2020। सामाजिक स्वास्थ्य एवं शिक्षा में कार्य कर रही संस्था आयुर्जीवनम् सेवा समिति सोशन साईट एवं फोन द्धारा अपने काउन्सलर की काउन्सलिंग के जरिये लोगों को आने वाले दिनों के लिये व्यव्हार में परिवर्तन लाने की शपथ दिला रही है। कार्यक्रम के तकनीकि सहायक नोडल डा० नवीन चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस हमारी इंसानियत का इम्तिहान ले रहा है। हम सामाजिक प्राणी हैं मगर इस बीमारी ने हमारी स्वाभाविक गतिविधियों को जानलेवा कमज़ोरी में बदल दिया है। हमें अपनी पुरानी दिनचर्या और आदतों को अब नई आदतों और तौर-तरीकों से बदलना होगा। हमें अपने आचरण को इस महामारी के हिसाब से ढालना होगा।
आहार विशेषज्ञ अपूर्वा सैनी ने कहा कि इस वक्त हम सभी को सामाजिक दूरी बनाने का संकल्प अवश्य लेना चाहिए। भारत में सोशल डिस्टेंसिंग यानी स्वयं को औरों से दूर कर लेने की अवधारणा नहीं रही है। भारत तो समूची दुनिया को कुटुंब मानता रहा है, लेकिन यह मानते हुए भी फिलहाल सदियों के आजमाए सामाजिक व्यवहार को छोड़ना है। एक तरह से भारत की यह लड़ाई उसकी जीवन शैली से है। भारत में बीमार व्यक्ति को भी अकेला नहीं छोड़ा जाता। परिजन उसे घेरे रहते हैं, सेवा करते हैं, किंतु विकसित देशों में बीमार व्यक्ति किसी से नहीं मिलता। यदि वह घर पर है तो घर के बाहर बोर्ड लगा रहता है: बीमार हैं, न मिलें। विकसित देशों में सोशल डिस्टेसिंग की अवधारणा रही है अपने देश में लोग परिचित बीमार से न सिर्फ मिलते हैं, बल्कि मदद के लिए आगे रहते हैं। इस आदत को फिलवक्त बदलना होगा और मेलजोल से बचने का संयम दिखाना होगा।
आयुर्जीवनम् सेवा समिति के सचिव एवं आध्यात्मिक चिकित्सक आयुर्वेदाचार्य डा० कुलदीप सिंह चौहान कहा कि हमारे मनोरोग चिकित्सक‚ काउन्सलर‚ ध्यान प्रशिक्षक‚ मनोवैज्ञानिक काउन्सलर मोबाईल पर बात द्धारा‚ वाटसएप एवं सोशल साईट द्धारा लोगो को शपथ दिलाई जा सकती है कि हर भारतवासी व्यक्तिगत स्वच्छता और सामाजिक दूरी बनाए रखेगा, बार-बार साबुन-पानी से हाथ धोने की आदत डालेगा, छींकते-खांसते समय अपनी नाक-मुंह को रुमाल या टिशू से ढकेगा, उपयोग किए गए टिशू को तुरंत बंद डिब्बे में फेंकेगा‚ सार्वजनिक स्थानों पर या घर से बाहर निकलते ही मुंह पर हमेशा मास्क लगाये रहेगा। अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलेगा। किसी दूसरे प्रदेश या जिले से आने के बाद स्थानीय स्वास्थ्यकर्मी जैसे आशा‚ आंगनवाडी‚ एएनएम को खबर कर स्वयं को क्वरंटाईन में रहने का पोस्टर घर के बाहर लगवाएंगे। डा० चौहान ने कहा कि हम लोगों को इस बात की भी शपथ दिला रहे है कि मोहल्ले में यदि कोई व्यक्ति आया है और वह स्वयं स्वास्थ्य विभाग को सूचित नहीं करता है तो सतर्क एवं सजग शहरी होने के नाते पडोसी या अन्य सूचना देने में सहयोग करेगा। कोविड 19 आपदा से निबटने में जन भागीदारी को जन आन्दोलन में बदलना होगा।