जिला अस्पताल‚ महिला अस्पताल एवं सीएचओ सहित 169 है नर्स
रामपुर 12 मई 2020। एक नर्स मरीज की सेवा बहुत ही निष्ठा, आत्मीयता और त्याग के साथ करती है। मरीज को नया जीवनदान देने में नर्स की भूमिका अहम होती है। मरीजों की देखभाल करते हुए नर्सों को हर दिन नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. अब तो नर्सिंग के क्षेत्र में पुरुषों की भी रूचि बढ़ रही है. यही वजह है कि पिछले दो वर्षों में पुरूष नर्सों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। मेल नर्स की संख्या दक्षिण भारत में सबसे अधिक है।
ए वॉयस टू लीड – नर्सिंग द वर्ल्ड टू हेल्थ। टीएसयू के नर्स मेंटर प्रशिक्षक एवं तकनीकि सलाहकार डा० अंकुर जैन का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य के लिये नर्सिंग एक नेतृत्व की आवाज बन गया है। किसी भी स्वास्थ्य संस्थान‚ अस्पताल या चिकित्सा केन्द्र में बिना नर्स के कल्पना भी नहीं की जा सकती है। नर्स हमारे चिकित्सा संस्थानों में एक आवश्यक भूमिका निभाती हैं जैसे कि मरीजों की सुरक्षा एंव चिकित्सा में मदद। कोई संदेह नहीं है जब कुछ रोगी को देखभाल की आवश्यकता होती है तो नर्स व्यक्ति की जरूरतों की पहचान करने और उनकी रक्षा करने के लिए अथक प्रयास करती हैं| नर्स के पास भी बहुत ज्ञान है और उनके पास कई कौशल हैं जिसका उपयोग वह रोगी को शीघ्र स्वस्थ्य करने करती है। ज्यादातर समय नर्स कठिन वातावरण में काम करती हैं और रोगी के सामने सदा मुस्कराती रहती है। नर्स के अधरों पर अत्यधिक तनाव के बाद भी मुस्कराहट बनी रहती है जाे कि उनकी नौकरी का एक हिस्सा है। आज जब पूरा विश्व कोविड-19 आपदा से जूझ रहा है तो इसमें प्रमुख योद्धा के रूप में कोरोना के सामने ढाल बनकर नर्स ही मुकाबला कर रही है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा० सुबोध कुमार शर्मा ने कहा कि चिकित्सक के द्धारा इलाज के प्रोटोकॉल को रोगी तक पहुंचाने में नर्स का ही अधिकतर समय गुजरता है। वह वार्डों में कई घंटे बिताती है रात और दिन वह मरीजों की देखभाल करती है उनके समीप रहती है। नर्स स्वास्थ्य सेवा की रीढ है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक अंकित शर्मा ने बताया कि जिले में कुल 54 नर्स और 39 सीएचओ तैनात है। सीएचओ भी स्टाॅफ नर्स होते है। यह सभी इस समय कोविड-19 में दिन–रात सेवाएं दे रहे है। महिला अस्पताल के क्वालिटी मैनेजर मोहम्मद याकूब ने बताया कि यहां 17 स्टाफ नर्स महिला अस्ताल एवं 11 एसएनसीयू में तैनात है। जिला अस्पताल के मैनेजर संजय सैनी ने बताया कि 48 नर्स अस्पताल में रोगी को अच्छे स्वास्थ्य के लिये सेवाएं दे रही है।
नर्स बन कर लोगों की सेवा करना यह विचार मेरे मन मे होश सम्हालते ही आया और मैने नर्स बनने के सपने को साकार करने में पूरी कोशिस की। आज अपने सपने को साकार हेाता देख मन को काफी सुकूंन मिलता है। फरहा खानए नर्स‚ सैदनगर सामुदायिक केन्द्र
दो वर्ष में 300 से अधिक प्रसव एवं 120 पोस्ट पार्टम हेमरेज में प्रसूता की जान बचाने में कामयाब हुई स्टाफ नर्स नीतू ने कहा कि एक महिला होने के नाते मुझे महिलाओं की पीडा का अहसास है। मै अपनी केशोरावस्था से ही महिलाओं की सेवा करना चाहती थी। नर्स का कार्य काफी कठिन जरूर है‚ लेकिन जब भी मेरे द्धारा किसी को स्वास्थ्य लाभ मिलता है तो सब कुछ आसान हो जाता है। बोझ तो दूसरी तरफ किसी का जीवन बचाने के बाद आत्म संतोष भरी मुस्कान मुझे हर समय तरो ताजा बनाये रहती है।
सब सेंटर परम‚मिलक की पूजा देवी ने कहा कि नर्स बनकर शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार लोगों की सेवा करने से ऐसा लगता है जैसे कई जन्मों का पुण्य मिल गया है। मानव सेवा ही सच्चा धर्म है और इसे नर्स बनकर ही निभाया जा सकता है।