
मुरादाबाद, 25 मई 2020
कोविड 19 संक्रमण के दौरान प्रदेश में इनफेन्ट मिल्क सब्सीट्यूशन फीडिंग बॉटल एंड इनफेन्ट फूड्स एक्ट (आईएमएस एक्ट) के प्रावधान एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुझाव को देखते हुए बच्चों को दिये जाने वाले डिब्बा बंद दूध पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक शत्रुध्न सिंह ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को इस बारे में कार्रवाई करने को कहा है।
बच्चों में कुपोषण की दर को कम करने तथा बाल मृत्यु दर को रोकने के दृष्टिगत जनपद के सभी 2742 आँगनवाड़ी केंद्रों पर गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा 2 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को मुफ्त में मिलने वाले कृत्रिम शिशु ऊपरी आहार देने पर रोक लगा दी गयी है । यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस डॉ. अनुपमा शांडिल्य ने दी ।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अनुपमा शांडिल्य ने बताया बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी,मुख्यचिकित्सा अधिकारी और बाल विकास परियोजना अधिकारियों को विभिन्न कंपनियों एवं संस्थाओं द्वारा डिब्बा बंद दूध एवं कृत्रिम आहारों के निशुल्क वितरण पर तत्काल रोक लगाने के लिए पत्र लिखा है।
बाल रोग विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ.वीर सिंह का कहना है कि छः माह तक सिर्फ स्तनपान, छः माह उपरांत माँ के दूध के साथ ऊपरी आहार तथा 2 साल तक आहार के साथ स्तनपान ही शिशु का सर्वोत्तम आहार है ।
उन्होंने कहा कि माँ का दूध शिशु के सर्वांगीण मानसिक और शारीरिक विकास हेतु अत्यंत आवश्यक है तथा छोटे बच्चों में डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
इस संबंध में यूनिसेफ का अभिमत है कि डिब्बाबंद दूध के प्रयोग से परिवार धीरे धीरे कृत्रिम दूध और आसानी से मिलने वाले विकल्पों का सहारा लेने लगते हैं। जिस कारण शिशु माँ के दूध से वंचित रह जाते हैं। साथ ही माँ के आत्म विश्वास में भी कमी आती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, स्तनपान मोटापा एवं प्रसव के बाद होने वाले उच्च रक्तचाप व दिल संबंधी रोगों को भी अपेक्षाकृत कम करता है। इसके अलावा छः माह से पहले शिशुओं को डिब्बाबंद दूध तथा छः माह के बाद डिब्बा बंद आहार देने से बच्चों में मृत्यु दर का खतरा बढ़ सकता है । इसलिए कम से कम एक साल तक बच्चे को कृत्रिम आहार देने से बचना चाहिए ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा यह भी सलाह दी गयी है कि कोविड संक्रमण के दौरान माँ स्तनपान कराने में सक्षम नहीं तो अपना दूध कटोरी में निकालकर चम्मच से पिला सकती हैं । यदि माँ इतनी ज्यादा बीमार है कि दूध निकाल कर भी नहीं दे सकती है, तो स्तनपान कराने के लिए दूसरी महिला का सहयोग ले सकती है । प्रत्येक दशा में मुंह पर मास्क लगाना है और हाथों को साफ रखना है।