मुरादाबाद,29 मई 2020
एचआईवी संक्रमित माताओं एवं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी को जनपद में प्लान इण्डिया की सहयोगी संस्था ममता के अहाना कार्यक्रम द्वारा बखूबी निभाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देशन में कार्य करने वाली संस्था ममता के अहाना कार्यक्रम के स्वयं सेवकों द्वारा सुरक्षित और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुऐ लॉक डाउन के दौरान भी घर घर जाकर संक्रमित माताओं के बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है।
अपर मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ. जीएस मर्तोलिया ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत एचआईवी संक्रमित गर्भवती एवं बच्चों को एआरटी सेंटर से लिंक कराया जाता है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये संक्रमित गर्भवती के पति और यदि बच्चे हैं तो उनकी भी एचआइवी जाँच कराई जाती है। संक्रमित गर्भवती के प्रसव पश्चात नवजात को 24 घंटे के अंदर दवा दी जाती है बच्चा जब डेढ़ माह का हो जाता है तब उसकी एक जाँच कराई जाती है दूसरी जाँच छः माह पर तीसरी 1 साल पर और 18 माह पूरा होने पर चौथी एचआइवी जाँच कराई जाती है | यदि बच्चा संक्रमित पाया जाता है तो उसे एआरटी सेंटर से जोड़ा जाता है।
अहाना कार्यक्रम के परियोजना अधिकारी खालिद रजा ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एचआईवी संक्रमित माता से शिशु में होने वाले संक्रमण को रोकना है। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के कारण एचआइवी संक्रमित मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान कार्यक्रम पदाधिकारियों की भी जिम्मेदारियाँ बढ़ गई हैं। क्योंकि अधिकतर मरीज सुदूर देहात क्षेत्र के रहने वाले हैं और उन्हें अपनी दवा लेने के लिए मुरादाबाद के जिला चिकित्सालय स्थित एआरटी सेंटर आना पड़ता है लेकिन इस समय लॉक डाउन के चलते पूरी तरह से यातायात प्रतिबंधित है इस वजह से इन लोगों को अपनी दवाइयां प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया एचआईवी के मरीजों को दवा प्रतिदिन खानी होती है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देश अनुसार एआरटी काउंसलर रत्नेश शर्मा, पूनम वर्मा, पीपीटीसीटी काउंसलर मीनाक्षी वर्मा के सहयोग से फील्ड ऑफिसर यासमीन सैफी द्वारा दवाई मरीजों को उनके घर तक पहुंचाई जा रही है।
उन्होंने बताया संस्था के माध्यम से संस्थागत प्रसव को ध्यान में रखते हुये लॉक डाउन के दौरान एक एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला का जिला महिला चिकित्सालय में सुरक्षित प्रसव भी कराया गया है।इसके अतिरिक्त लॉक डाउन के दौरान 9 बच्चों की जिला चिकित्सालय में जांच भी कराई गई है। इस लॉक डाउन के दौरान अब तक 35 मरीजों को एचआईवी रोकथाम हेतु दवा उनके घर पहुंचाई गई है।
खालिद राजा ने बताया कि अत्यंत गरीब और परेशान मरीजों को पीपीटीसीटी काउंसलर मीनाक्षी वर्मा और अहाना की फील्ड ऑफिसर यासमीन सैफी के सहयोग से राशन किट भी उपलब्ध कराई जा रही है।