- यह कहना है- पहली बार माँ बनीं अफसाना और शबाना का
- तीन माह में 2472 महिलाओं को मिला योजना का लाभ
- कोरोना काल में भी आशा की मदद से 98.09 प्रतिशत लक्ष्य किया हासिल
- पहली बार गर्भवती होने पर तीन किस्तों में मिलते हैं 5000 रूपये
रामपुर‚ 17 जुलाई 2020। ग्राम धनुपुरा ब्लॉक सैदनगर निवासी 20 वर्षीया अफसाना के पति किसान हैं । खेती कम होने के कारण जरूरत पर बाहर मजदूरी भी करते हैं । कोरोना महामारी की वजह से कुछ महीने से बाहरी काम भी मिलना बंद हो गया । ऐसे में पहली बार माँ बनने पर प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत मिली राशि इस मुश्किल भरे दौर में अफसाना और उसके बच्चे के खान-पान और देखभाल के लिए अहम सहारा साबित हुई है।
ग्राम हरैटा की शबाना कहती है – पति का काम बंद होने की वजह से हमें गांव लौटना पडा, गुज़र-बसर करने में दिक्कत हो रही थी, ऐसे में योजना से मिली मदद ने बड़ी राहत दी है।
अफसाना और शबाना तो बानगी ( उदाहरण ) मात्र हैं , जनपद की 2472 से अधिक पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं ने कोरोना काल में आशा कार्यकर्ता के माध्यम से पंजीकरण कराकर प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ लिया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पोषण के लिए 5000 रुपये का लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है।
पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती को पहली किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त में 2000 रुपये दिए जाते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुबोध कुमार शर्मा बताते हैं – पहली बार गर्भवती होने वाली महिला व प्रसव बाद जच्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2017 में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की शुरुआत की गयी थी। कोरोना संक्रमण के दौर में भी पात्र महिलाओं को निरंतर योजना का लाभ देकर सही मौके पर आर्थिक मदद दी जा रही है। उम्मीद है इस राशि से माँ और बच्चे के अच्छे पोषण और देखभाल में सहयोग होगा। उन्होंने बताया कि संक्रमण के चलते लाभार्थी योजना के फॉर्म अपने क्षेत्र की आशा, एएनएम से संपर्क करके भर सकते हैं। इसके साथ ही प्रवासी पात्र महिलाएँ भी आशा से संपर्क कर इस योजना का लाभ ले सकती हैं। लाभ पाने के लिए महिला की उम्र 19 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। महिला सरकारी कर्मचारी नहीं होनी चाहिए। सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में किये जाते हैं जिसका आधार से लिंक होना ज़रूरी है।


