रामपुर, 1 दिसंबर 2020। विश्व एड्स दिवस पर मंगलवार को परामर्श शिविर लगाए गए | सीआरपीएफ – 239 बटालियन में भी एड्स जागरूकता परामर्श शिविर लगाया गया जिसमें जिला अस्पताल के काउंसलर शामिल हुए | इस मौके पर नाको एड्स कार्यक्रम के सलाहकार डॉ. अशरफ ने जवानों की काउंसलिंग की| उन्होंने कहा कि एड्स पर काफी हद तक काबू पाया जा चुका है और ऐसा तब हुआ है जब लोगों में जागरूकता आई है । लोगों ने बचाव के नियमों का सही से पालन किया है । यही वह मौका है जब हमें ओरअधिक सतर्क रहकर इस बीमारी का पूरा तरह से अंत करना है। उन्होंने कहा कि अभी तक एचआईवी/एड्स से बचाव के लिए कोई भी टीका नहीं बन सका है और न ही इलाज खोज पाए हैं। इसलिए बचव ही इस रोग से लड़ने का एकमात्र अचूक अस्त्र है। असुरक्षित यौन संबंधों से पूरी तरीके से बचाव करें, बिना जाँच के रक्त चढ़ाने पर पूरी तरह से रोक हो । संक्रमित माता के गर्भ में पल रहे बच्चे को संक्रमण से बचाकर एचआईवी के नए संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इन नियमों का पूरी तरीके से पालन करते हुए एक दिन इस बीमारी को भी समाप्त करने में हम लोग कामयाब हो जाएंगे।
इस मौके पर कमांडेंट 239 बटालियन के मनमोहन सिंह ने कहा कि एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए लोग असुरक्षित यौन संबंध और संक्रमित रक्त से बचाव के प्रति लोग जागरूक हुए हैं, हमारे जवान भी सुरक्षा के नियमों का हर कदम पर पालन कर रहे हैं। इस बीमारी से बच्चे काफी हद तक बचे हुए हैं। विश्व एड्स दिवस पर बिलसपुर, मिलक, शाहबाद और स्वार में जागरूकता शिविर एवं जांच स्टाल लगाए गए |
ग्रुप सेंटर के कमांडेंट दिनेश कुमार सिंह ने कहा कोविड-19 से बचने के लिए जिस तरीके से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाता है, हाथों को धुला जाता है और मास्क लगाया जाता है उसी तरह एचआईवी संक्रमण से बचाव के नियम सुरक्षित यौन संबंध, सुरक्षित रक्त ही चढ़ाकर एड्स से लड़ने में सफलता पाई है। इस मौके पर 239 बटालियन के जवान, ऑफिसर और जिला अस्पताल के काउंसलर शेखर मौजूद रहे।