अनियंत्रित खान–पान‚ शारीरिक गतिविधि में कमी एवं फास्ट फूड का सेवन करने से बढता है वजन
अधिक वजन से मधुमेह‚ उच्चरक्तचाप का रहता है खतरा

रामपुर 18 जून 2020। किशोरावस्था से ही वजन पर नियंत्रण रखना जरूरी हो जाता है। इसके लिए डायटिंग की जरूरत नहीं है। पोषक तत्वों जैसे हरे पत्तेदार ताजी सब्जियां‚ ताजे फल‚ ड्राई फ्रूट आदि में आयरन‚ विटामिन‚ कार्बोहाड्रेट‚ वसा जैसे तत्व पाये जाते हैं । अधिक वसायुक्त भोजन करने एवं शारीरिक गतिविधि नहीं करने से वजन अनियंत्रित होने लगता है | इससे घबरा कर किशोरियां डायटिंग अथवा वजन कम करने के गलत उपाय अपनाने लगती हैं । अनियंत्रित वजन के चलते हार्मोन भी असंतुलित हो जाता हैं ‚ जिसके कारण गर्भधारण में समस्या उत्पन्न होती है। इन बातों पर जन जागरूकता के लिये आयुर्जीवनम् सेवा समिति ने वजन नियंत्रण करने के लिए बनाये संतति योजना वेबिनार का आयोजन किया।
वेबिनॉर में कई महिलाओं ने मासिक अनियमितता की समस्या निदान के बारे में जानना चाहा, जिस पर डा० स्नेहल कदम ने बताया कि माहवारी के अनियंत्रित रहने के कई कारण हो सकते हैं इनमें किशोरावस्था के समय से ही फास्ट फूड‚ कोल्ड ड्रिंक सहित बाजार की बनी वस्तुओं का सेवन करने से हार्मोन अपना संतुलन खो बैठते हैं जिसके कारण हार्मोन में कई तरह के परिवर्तन बहुत तेजी से होने लगते हैं | इस कारण माहवारी अनियमिति हो जाती है। शुरूआती दौर में हानिकारक आहार को तुरंत त्याग देने से हार्मोन स्वतः ही नियंत्रण में आने लग जाते हैं ‚ यदि इसके बाद भी सुधार न हो तो महिला चिकित्सक से परामर्श ले कर उचित चिकित्सा करानी चाहिए।
मोटापा के दौरान गर्भपात की समस्या के समाधान में डा० अवांतिका ने कहा कि वजन अधिक होने से कई तरह के रोग शरीर में पलने लगते है। मधुमेह और उच्च रक्तचाप का जोखिम भी बढ जाता है। गर्भपात के अन्य कारणों में मोटापा प्रमुख होता है‚ इसलिये प्रेग्नेंसी प्लान से पहले वजन का नियंत्रित होना जरूरी है। भोजन में तली व तैलीय वस्तुओं का त्याग करें। स्वास्थ्य केन्द्र से फोलिक एसिड लेकर सेवन करें। वजन कम करने के लिये योग–व्यायाम करें l