रामपुर‚ 12 मई 2020। विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 से लड़ाई में अपनी व अपने परिवार की परवाह किये बिना स्वास्थ्य क्षेत्र में नर्स अग्रिम मोर्चे पर डटी हैं और कोरोना वायरस से पीडितों की दिनरात देखभाल कर रहीं है। अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस’ स्वास्थ्य सेवाओं में नर्सों के योगदान को सम्मानित करने तथा उनसे संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए मनाया जाता है। यह दिवस आधुनिक नर्सिंग की शुरूआत करने वाली तथा मानव जाति के लिए दया एवं सेवा की महान नारी फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
प्रशिक्षक एवं मोटिवेशन वक्ता डा० कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि इस बात में कोई दो राय नहीं कि रोगी की सेवा करते वक्त नर्सों को काफी मेहनत करनी पड़ती है। उनका काम सिर्फ नब्ज़ देखना और ब्लड प्रेशर चॆक करना ही नहीं होता बल्कि मरीज़ को पूरी तरह से चंगा करने में बहुत बड़ा हाथ होता है। कहा कि नर्स सिर्फ इस बात की चिंता नहीं करती कि मरीज़ को क्या बीमारी है, बल्कि वह इस बात की ज़्यादा चिंता करती है कि इस बीमारी का मरीज़ पर कैसा असर पड़ रहा है। इसलिए वह उस मरीज़ का दर्द और उसकी चिंता को कम करने के लिए जी-जान से कोशिश करती है और जहाँ तक उससे बन पड़ता है वह उसकी हालत को बिगड़ने नहीं देती। इतना ही नहीं जब मरीज़ अपनी चिंता और डर के बारे में बताता है तो नर्स बड़े धीरज के साथ उसकी सुनती है और उसे तसल्ली देकर, उसका हौसला बढ़ाकर समझ के साथ उसकी देख-रेख करती है। कोराना वायरस से संक्रमित की चिकित्सा में नर्स द्धारा रोगी को लगातार हिम्मत बंधाने का कार्य केवल नर्स ही कर सकती है।



