ग्लोबल इंडियन इंटरनेशनल स्कूल सिंगापुर के सी ई ओ मनीश तिर्पाठी ने कहा कि भारत ने आज पूरी दुनिया मे विशिष्ट पहचान बना ली है न्यू इंडिया ग्लोबल दर्शन के साथ आगे बढ़ रहा है जिसमे सब का साथ सबका विकास है डी एम ए के छात्रों में ये समझ विकसित कराई जायेगी ताकि वे पूरी तरह ग्लोबल नागरिक बनने में दक्ष हो यहाँ के छात्र समूचे विश्व के लिए तैयार होंगे भारत मे ही नही दुनिया के किसी भी कोने में अपनी प्रतिभा का परचम लहराने के काबिल होंगे

मनीश तिर्पाठी जी ने कहा कि भारत अपनी विभिन्न विशेषताओं के कारण विश्व गुरु बनने की सक्षमता रखता है डिजिटल इंडिया , मेक इन इंडिया ,स्वच्छ भारत आदि की संकल्पना भारत को न्यू वर्ल्ड के लिए तैयार कर रही है यहाँ की संसकीर्ति विरासत ,योग पद्धत्ति, भारतीय सेना अर्थवयवस्था में प्रगति , युवा शक्ति ,नारी साक्षतिकरण ,इन आर आई प्रतिभा दिनों दिन अंतर्राष्टीय स्तर पर अपनी चमक बिखेर रही है

न्यू इंडिया के लिए शिक्षित और तकनीकी तौर पर आधुनिक भारत की आवश्यकता है इस लिए डी एम ए के छात्र छात्राओं को अब ग्लोबल विचारधारा के साथ जोड़ा जायेगा जिस में उन्हें एक विश्व एक परिवार और सभी के साथ आगे बढ़ने की समझ सिखाई जायेंगी डी एम ए में ग्लोबल शिक्षा के आयाम स्थापित करने पर फोकस होगा डी एम ए का उद्देश्य ही नरचरिंग ग्लोबल सिटिज़न है यही संकल्पना ग्लोबल सिटिज़न फोरम की है
वही डी एम ए की प्रिंसिपल सुमन तोमर ने कहा इस बार डी एम ए स्कूल के वार्षिकउत्सव का थीम भी न्यू इंडिया एमरजिंग ग्लोबल लीडर रखा है जिस के माध्यम से छात्र छात्राओं में उनमे न्यू इंडिया की नई विचारधारा जाग्रत करने का प्रयास किया है उन्हें ये बताया गया है कि भारत को अब विश्व गुरु के रूप में उभरते हुए देखा जा रहा है उन्होंने कहा कि भारतीय लोगो का बौद्धिक स्तर यहाँ के विकास के लिए संजीवनी की भांति है बस आवश्यकता प्रतिभा के सदुपयोग की है नए भारत के निर्माण में छात्रों की भूमिका एहम है इसलिए डी एम ए के छात्रों को उभरते भारत के साथ कंधा से कंधा मिलाने के लिए तैयार किया जायेगा