अल्मोडा : आज के ऑटोमेशन के दौर में जहाँ हर छोटी छोटी जरूरतों के लिए बाजार में डिवाइस उपलब्ध हो गई है , परन्तु ज्यादातर यह डिवाइस भारत में ना तैयार होकर चीन, अमेरिका , जापान और अन्य विकसित देशों में हो रही हैं.
इसी क्रम में हमारे देश में एक ऐसी डिवाइस का अविष्कार हुआ है , जिस डिवाइस का इस्तमाल कार में किये जाने पर कार स्मार्ट कार बन जायेगी, और गाड़ी के ड्राईवर व गाड़ी में सवार अन्य सवारियों सहित किसी के भी मानक से ज्यादा अल्कोहल लिए जाने का इंडिकेशन दे देगी, यही नहीं इस डिवाइस की इस तरह से भी समरूपता कि जा सकती है, कि यदि गाड़ी का ड्राईवर शराब पिये रहने कि दशा में गाड़ी को स्टार्ट करने का प्रयास करता है, तो गाड़ी स्टार्ट नहीं हो सकेगी, इसके आलावा यदि गाड़ी में ड्राईवर ने चालाकी दिखा गाड़ी स्टार्ट कर शराब पीने की कोशिश की तो गाड़ी स्वतः पुनः बंद हो जायेगी और ड्राईवर के इस चालाकी को भी यह डिवाइस आसानी से पहचान लेगी,
इस डिवाइस की खूबी यहीं नहीं ख़त्म होती है यह डिवाइस ड्राईवर द्वारा गाड़ी ड्राइव करते हुए मोबाइल फ़ोन पर बात करने के प्रयास को भी असफल करने में प्रभावी रूप से सक्षम है, ड्राईवर को नींद आने आने पर यह डिवाइस इंडिकेशन देना शुरू कर देगी, और गाड़ी में बैठे लोग सचेत हो पायंगे, और इस तरह यह स्मार्ट डिवाइस शराब पीकर गाड़ी चलाने, नींद आ जाने पर और गाड़ी चलाते हुए मोबाइल पर बात करने के कारण होने वाली दुर्घटनायों से छुटकारा दे पायेगी
यह डिवाइस आविष्कार अल्मोड़ा आवासीय विश्विद्यालय के वाईस चांसलर प्रोफेसर (डॉक्टर) होशियार सिंह धामी जी और उनकी टीम ने किया है,
उत्तराखंड में अधिकतर वाहन दुर्घटनाएं शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण हुई थी , जिसके कारण कई लोगों ने जाने गवाई’ थी, इन्ही वाहन दुर्घटनाएं को कम करने के लिए उत्तराखंड के राज्यपाल माननीय श्री के के पाल जी ने राज्य के सभी विश्विद्यालय के वाईस चांसलर को निर्देश दिए थे , जिसके उपरान्त प्रोफेसर धामी जी ने अपने नेत्रत्व में एक टीम गठित की, इस टीम में आर आई इंस्ट्रूमेंट एंड इनोवेशन इंडिया के डॉक्टर आर पी जोशी व आकाश पाण्डेय शामिल थे , और टीम ने दो महीने से भी कम समय में इस डिवाइस का आविष्कार कर दिया
डिवाइस कैसे काम करती है : श्री धामी जी ने बताया की डिवाइस में लगा ग्राफ़िन सेन्सर ड्राइवर की साँसों से निकली हवा द्वारा ड्राइवर के ख़ून में अल्कोहल की मात्रा की गढ़ना कर लेगा, और मोटर वाहन के नियमानुसार अल्कोहल की मात्रा अधिक होने पर गाड़ी स्टार्ट नहीं होने देगा ऐसे ही डिवाइस में लगा इमिजिंग सेन्सर ड्राइवर की आँखों की गतिविधियों पर नज़र गड़ाये रखेगा, और ड्राइवर को नींद आने की संभावनाओं का आकलन कर नींद आने आने पर गाड़ी में इंडिकेशन देना शुरू कर देगा, जिससे गाड़ी में सवार लोग सचेत हो जाएँगे. इसी तरह यह डिवाइस में लगा यह सेन्सर ड्राइवर के मोबाइल पर बात करने पर भी इंडिकेशन देना शुरू कर देगा, और इससे भी ज़्यादा दिलचस्प ख़ूबी इस डिवाइस की यह है की किसी और भूलवश वाहन दुर्घटना होने पर इसमें लगे जीपीएस सिस्टम से अगले कुछ मिनटों में वाहन दुर्घटना की लोकेशन की जानकारी १०० नम्बर डाइल कर स्वतः उपलब्ध करवा देगा
इस प्रकार इस डिवाइस से वाहन दुर्घटनाएँ कम हो सकेंगी
अपने इस अविष्कार को लेकर श्री धामी और उनकी टीम प्रफुलित है, श्री धामी जी ने आगे बताया की, इस डिवाइस को पेटेंट कराने हेतु यूकास्ट के पैटेंट सेल को भिजवा दिया है, इसके साथ ही डिवाइस को वाहनों में लगाने से पूर्व अलग अलग तरह की ६० से ज़्यादा जाँचों से गुज़रना पड़ेगा, इसके लिए मानेसर के आई कैट संस्थान , गुड़गाँव के एसजीएस लैब और पुणे के ऐआरऐआई संस्थान में इस डिवाइस की गुणवत्ता और विश्वशनियता की जाँच शुरू हो चुकी है, और अब तक कई जाँचों में यह डिवाइस खरा उतरा हुआ है, सारी जाँचें पूरी होने पर इस डिवाइस का राज्य सरकार के सम्मुख प्रदर्शन किया जाएगा,
श्री धामी जी ने इससे पूर्व में भी कई और आविष्कारों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है, श्री धामी जी के नाम कई और पैटेंट हैं