कई बार कुछ लोगों की शुगर सामान्य से कम रहती है। किन्तु लो शुगर को लेकर लोग सावधान नहीं रहते और एक दिन जान पर खतरा बन जाता है। भारत में जागरूकता की कमी के चलते कई मौते तो लो शुगर के चलते हो रही है।
क्या है हाइपोग्लाइसीमियाॽ
जब खून में ग्लूकोज़ की मात्रा सामान्य से घट जाती है या शुगर लेवल कम हो जाता है उसे हम लो शुगर कहते है।
मधुमेह में होने वाली बेहोशीः
डायबिटीज में बेहोशी की दो अवस्था में होती है। पहली अवस्था में खून में ग्लूकोस सामान्य से बहुत बढ़ जाती है और रोगी बेहोश हो जाता है। इसे (Hyperglycaemic Coma) कहते हैं |
दूसरे प्रकार की अवस्था में रक्त में शर्करा (ग्लूकोस) सामान्य से बहुत घट जाती है जिससे रोगी बेहोश हो जाता है। इसे ‘हाइपोग्लाइसीमिक (Hypoglycaemic Coma) कहते हैं |
जब खून में शुगर की मात्रा 70 मिली ग्राम से कम हो जाती है तो हाइपोग्लाइसेमिया और 50 मिली ग्राम से भी कम है तो ये सीवियर हाइपोग्लाइसीमिया माना जाता है |
स्वस्थ शरीर 60 mg/dl की ब्लड शुगर भी आसानी से सह लेता है। लेकिन डायबिटीज में शरीर बढ़ी हुई ब्लड शुगर का इतना आदी हो जाता है कि ब्लड शुगर का थोड़ा भी कम होना उसे सहन नहीं होता। ब्लड शुगर की यह सीमा हर किसी में थोड़ी अलग-अलग होती है और उसे किसी निश्चित आँकड़े में नहीं बाँधा जा सकता, लेकिन डायबिटीज में ब्लड शुगर के 60 या 70 mg/dl पर पहुँचने से पहले ही खतरे की घंटी बज जाती है।
शुगर लेवल कम होने (हाइपोग्लाइसीमिया ) के मुख्य कारण :
मधुमेह पीडितों को यह समस्या दवाओं के चलते हो जाती है जबकि जो लोग मधुमेह पीडित नहीं होते उन्हें यह समस्या लगातार मानसिक तनाव‚ अस्त–व्यस्त जीवन शैली‚ जरूर से ज्यादा आहार पर नियंत्रण रखना और ज्यादा वर्कआउट करना‚ पर्याप्त कार्बोहाईड का सेवन न करना आदि।
लक्षण
खून में ग्लूकोज या आम भाषा में शुगर का स्तर कम होना शरीर के लिए तनाव जैसी स्थिति पैदा कर देता है. इसकी वजह से अत्यधिक पसीना आता है, हाथों में कंपन्न होता है, भूख लगती है और बेचैनी महसूस होती है. हृदयगति बढ़ जाती है, और दिल के तेजी से धड़कने की वजह से मरीज घबराहट महसूस करते हैं. खून में ग्लूकोज की कमी से सबसे पहले मस्तिष्क की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है. मरीज़ को सिरदर्द होता है, चक्कर आते हैं और वे अनिर्णय की स्थिति में रहते हैं. आंखों के सामने अंधेरा छा जाना और गंभीर स्थिति में बेहोश हो जाना भी इसके लक्षण हैं. समय से समुचित उपचार न होने पर गंभीर मामलों में मौत भी हो सकती है.
शेष जानकारी अगले अंक में………………
डा० कुलदीप सिंह चौहान
9411036703