हिन्दू सभ्यता में कई देवी देवतायें हैं। भगवान् श्री गणेश उनमें बहुत ही माने जाते हैं। श्री गणेश जी की कहानियाँ और उनके विषय में बच्चे जानना बहुत पसंद करते हैं।
श्री गणेश भगवान् का रूप देखते ही बच्चे खुश हो जाते हैं। उनके मोटे से पेट, हांथो और हाथी वाले मुखड़े को देख कर हर बच्चे को मज़दार लगता है इसीलिए बच्चे श्री गणेश को बहुत प्रेम भी करते हैं।
श्री गणेश , शिव जी और माता पारवती के पहले पुत्र हैं। ये हिन्दू सभ्यता के अनुसार “सबसे प्रथम भगवान” के नाम से पूजे जाते हैं।
गणेश चतुर्थी एक ऐसा त्योहार है जिसका कोई पौराणिक इतिहास नहीं है. हिंदी पंचांग में भाद्रपद महीने की चतुर्थी को गणेश की पूजा की बात तो मिलती है.
गणेश चतुर्थी की लोकप्रियता का दूसरा चरण 90 के दशक में शुरू होता है. महाराष्ट्र से देश के अलग-अलग हिस्सों में गए सुनार ने खुद को मराठी अस्मिता से जोड़े रखने के लिए छोटे स्तर पर गणेश महोत्सव मनाते थे. लेकिन 90 के दशक में आई ‘दमन’ और ‘वास्तव’ जैसी फिल्मों ने गणपति महोत्सव को उत्तर भारत में भी लोकप्रिय बना दिया
हर कोई बोल रहा है गणपति बप्पा मोरिया
लोकमान्य तिलक ने अंग्रेजों के खिलाफ भारतीयों को जमा करने के लिए गणेश महोत्सव शुरू किया. गणेश प्रतिमा की स्थापना और विसर्जन महाराष्ट्र में 1893 में पहली बार हुआ. देखते ही देखते यह त्योहार मुंबई और आसपास के उपनगरों मे बहुत लोकप्रिय हुआ.