प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आज रात 12 बजे एक एप्प का बटन दबाकर
जीएसटी लॉन्च करेंगे,
आज रात 12 बजे से फिर सांसद भवन एक बार बड़े बदलाव का गवाह बनेगा
1 जुलाई को पुरे देश कि कीमतों में बदलाव हो जायेगा .
इस बड़े मोके पर आज रात सांसद भवन के सेंट्रल हॉल में एक कार्यक्रम का आयोजन होगा .
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एक साथ पुरे देश में जीएसटी लाँच करेंगे.
यह कार्यक्रम आज रात्रि में 11 बजे से शुरू हो जायेगा सांसद भवन के सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों के सांसद उपस्थित रहंगे , राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी विशेष तौर में उपस्थित रहंगे .
संसद के इस विशेष सत्र में दोनों सदनों के सांसदों के अलावा जीएसटी काउंसिल के सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया है
जीएसटी काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्री को भी बुलाया गया है ,
वह भी इस काउंसिल के सदस्य है ,
इस कार्यक्रम में लता मंगेशकर, अमिताभ बच्चन, सोली सोराबजी, हरीश साल्वे, रतन टाटा, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल, पूर्व आरबीआई गवर्नर सी रंगराजन, बिमल जालान और डी सुब्बाराव सहित कई जाने-माने लोग होंगे. जीएसटी पर विशेष सत्र 30 जून की रात 11 बजे से रात 12 बज कर 10 मिनट तक चलेगा. एक घंटा दस मिनट के इस कार्यक्रम में सबसे पहले ठीक 11 बजे राष्ट्रपति के पहुंचने के बाद राष्ट्रगान होगा. इसके बाद कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का भाषण होगा
जसमे प्रधानमंत्री पुरे देश को जीएसटी को संसद के माध्यम से लाँच करेंगे
प्रधानमंत्री के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जीएसटी के मुद्दे पर सभी सांसदों और वहां मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे. राष्ट्रपति के संबोधन के बाद जीएसटी से जुड़ी 2 शॉर्ट फिल्में दिखाई जाएंगी इसके बाद ठीक 12 बजे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री एक ऐप का बटन दबाकर जीएसटी लागू करेंगे. इसके बाद रात 12 बजकर 10 मिनट पर राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हो जाएगा और इस तरह से जीएसटी पूरे देश में एक साथ लागू हो जाएगा.
विपक्ष को जीएसटी से एतराज है
जीएसटी को एक साथ पूरे देश में लागू होने की तैयारी पूरी हो गई है. लेकिन, इस मुद्दे पर सियासत शुरू है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आधी रात को इस भव्य कार्यक्रम में जीएसटी लागू करने पर सवाल उठाया है. कांग्रेस ने इस पूरे कार्यक्रम का ही बहिष्कार करने का फैसला कर लिया है.
पहले तीन बार संसद के भीतर रात 12 बजे इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जो कि देश की आजादी से जुड़ा कार्यक्रम था. पहली बार 1947 में फिर आजादी के 25 साल पूरा होने के मौके पर 1972 में और फिर 50 साल पूरा होने के मौके पर 1997 में रात 12 बजे ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ था
लेकिन, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का कहना है कि बीजेपी के लोगों का आजादी में कोई योगदान नहीं रहा लिहाजा उनके लिए पहले हुए कार्यक्रम के क्या मायने हैं.
सियासत हावी है टैक्स रिफॉर्म पर
कांग्रेस के इस ऐलान के बाद जीएसटी काउंसिल में शामिल कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्री भी इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे. टीएमसी भी इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी.
दरअसल, इतने बड़े टैक्स रिफॉर्म के ऊपर सियासत पहले से ही हावी रही है. अब जीएसटी लागू हो रहा है तो इसका श्रेय किसे मिलेगा. इसी कोशिश में सभी सियासी दल लगे हुए हैं.