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जानिए भारत के 5 दिल दहला देने वाले रहस्यमयी खंडहर

by admin
October 11, 2017
1 min read
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”हवा में बहती ख़ामोशी, पत्तों की खर-खराहट, सुनसान सड़क, क़दमों की आहटों से दिल की धड़कनों का बढ़ना, खण्डरों की एक विशाल काया और उन खंडारहों में छुपे रहस्य” क्या आप भी कोई ऐसी जगह ढूंढ रहे हैं जहाँ आप अपने जिगरी दोस्तों के साथ एडवेंचर सैर पर निकलें जो बन जाए आपकी ज़िन्दगी की एक रोमांचक याद। तो देर किस बात की आप तो बस अपने दोस्तों के साथ मिलकर प्लानिंग कीजिये आने वाले वेकेशन को रोमांचक बनाने के लिए क्यूंकि हम आपको बताएंगे ऐसी मिस्टिरियस जगहों के बारे में जहाँ दूर दूर तक पसरा सन्नाटा, सांय सांय करती हवाएँ आपको आपकी ही परछाइयों से डरा देंगी। अक्सर रहस्यमयी जगहों को लेकर लोगों में उत्सुकता होती है। वे वहां के बारे में जानना चाहते हैं, उन जगहों को करीब से महसूस करना चाहते हैं। यही वजह है कि अब मिस्टिरियस प्लेसेज टूरिस्ट के पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में सामने आ रहे हैं। जो कि इन स्थानों के खंडहर हो चुकी इमारतें आज भी आश्चर्यजनक इतिहास की कहानी बयान कर रही हैं। सोचिये वो पल कितना रोमांचक होगा जब हम अपने दोस्तों का हाथ थामे एक-एक क़दम को गिनते हुए, एक-दुसरे को डराते हुए आगे बढ़ते जाएँ और साथ में यह कहते जाएँ ‘डरना मना है दोस्त’। तो इस वेकेशन आप अपने दोस्तों के साथ तैयारी कीजिये इन जगहों की सैर करने की क्यूंकि ऐसी जगहों पर जब साथ हो जिगरी दोस्तों का तो सफर अपने आपमें एक खूबसूरत रोमांचक बन जाता है। तो कौन कौन से हैं इण्डिया के मिस्टिरियस प्लेसेज बस एक नजर में।

हम्पी (हिस्टोरिकल टाउन जो अब विशाल खण्डरों के रूप में जाना जाता है)

कर्नाटक का छोटा सा गाँव हम्पी एक हिस्टोरिकल टाउन है। जो अब खण्डरों के रूप में पहचाना जाने लगा है। जहाँ अब विशाल खंडहर हैं। इन खंडारहों की सैर करना आपके लिए काफी रोमांचक सैर होगी। हॉरर माहौल में एक एक कदम आगे बढ़ाना और हलकी सी सरसराहट में कदम वहीँ थम जाना मानो कोई पीछा कर रहा हो। हम्पी कभी मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी था। अब हम्पी (पम्पा से निकला हुआ नाम) से जाना जाता है और अब केवल खंडहरों के रूप में ही रह गया है। इस जगह पर तक़रीबन 500 से ज़्यादा खंडहर हैं, जो 25 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए हैं। इसमें पुराने बाज़ार, महल, मंदिर, चबूतरे और स्मारकों के अवशेष देखने को मिलते हैं। इसकी हर एक इमारत में रहस्य छिपा है जो अतीत के किस्से बयां करता है। हम्पी का विशाल फैलाव गोल चट्टानों के टीलों में विस्तृत है। इसमें कोई शक़ नहीं की यह टाउन अपने समय में सबसे खूबसूरत टाउन में रहा होगा क्यूंकि यहाँ के ऐतिहासिक निशाँ अपने आपने इस टाउन की खूबसूरती को दर्शाते हैं। हम्पी में विठाला मंदिर शानदार स्मारकों में से एक है। इसके मुख्य हॉल में लगे 56 स्तंभों को थपथपाने पर उनमे से संगीत लहरियाँ निकलती हैं। इसके अलावा कमल महल और जनानखाना भी ऐसे आश्चर्यों में शामिल है।

धनुषकोडी (मिस्टिरियस टाउन होने के साथ साथ तीर्थ स्थल भी)
धनुषकोडी को मिस्टिरियस टाउन माना जाता है। इस इलाके में अँधेरा होने के बाद घूमना मना है। यहाँ पर लोग ग्रुप में आते हैं और सूर्यास्त होते होते रामेश्वरम पहुँच जाते हैं। धनुषकोडी के खण्डरों को देख हम कह सकते हैं डरना ज़रूरी है। यहाँ का 15 किलोमीटर का रास्ता काफी सुनसान, डरावना और विचलित कर देने वाले रहस्यमय से भरा पड़ा है। जिसके बारे में सैकड़ों कहानियां गढ़ी जाती हैं। इस इलाके में आकर यहाँ की कहानियां सुनना अपने आपमें अनोखा एहसास होता है। धनुषकोडी के बारे में कहा जाता है कि काशी की तीर्थयात्रा महोदधि (बंगाल की खाड़ी) और रत्‍नाकर (हिंद महासागर) के संगम पर धनुषकोडी में पवित्र स्‍थान के साथ रामेश्‍वरम में पूजा के साथ ही पूर्ण होगी। यह गांव भारत के ऐसे छोर पर है जहां से श्रीलंका नजर आता है। हालांकि इसकी गिनती अब भुतहे शहरों में ज्यादा की जाती है , क्योंकि इस इलाके में अंधेरा होने के बाद घूमना सख्त मना है क्‍योंकि पूरा 15 किमी का रास्‍ता सुनसान, डरावना और रहस्‍यमय है। इस भुतहे शहर को अक्सर देखने के लिए भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।

कलावंती दुर्ग (हॉन्टेड प्लेस)

महाराष्ट्र के माथेरान और पनवेल के बीच स्थित कलावंती दुर्ग भी किसी आश्चर्य से कम नहीं है। यह इंडिया का मोस्ट डेंजेरस एरिया माना जाता है। जहाँ कई इमारतों की कहानियां दफ़न हैं। लगभग 2300 फीट ऊंचे इस दुर्ग पर चढ़ना बेहद रिस्की है। इस किले पर चढ़ने के लिए चट्टानों को काटकर सीढियां बनाई गई हैं। इन सीडियों पर ना तो रस्सियाँ है और ना ही कोई रेलिंग। और सबसे बड़ी समस्या है ज़ोर से चक्कर आना। कलावंती दुर्ग को प्रबलगढ़ के किले के नाम से जाना जाता है। यह हॉन्टेड प्लेस भी कहलाता है। क्यूंकि यहाँ न तो कोई जल्दी आता है और जो आगया वो सूर्यास्त से पहले ही चला जाता है। मीलों दूर तक फैला सन्नाटा दर और भय का कारण बना हुआ है। यहाँ के खंडहर मानो चीख चीख के अपने अतीत को बयान कर रहे हों और जब रात हो जाए तो यही चीखें सनसनाती हवा के साथ चारों और गूंजती हैं जहाँ एक एक क़दम रहस्मयी दुनिया की और ले जाता है।

भानगढ़ (अनेक कहानियों और खंडहरों का रहस्यमय नगर)

अलवर जिले में स्थित भानगढ़ भूतों का गढ़ कहलाता है। यहां सूर्यास्त के बाद कोई व्यक्ति नहीं रूकता। यहां के किले को हॉन्टेड पैलेस कहा जाता है। लोगों के मन में इस इलाके को लेकर इतना भय है कि शाम ढलते-ढलते वह यहाँ से निकलना ही बेहतर समझते हैं। भानगढ़ किले को आमेर के राजा भगवंत दास ने बनवाया था। भगवंत दास के छोटे बेटे और मुगल शहंशाह अकबर के नवरत्नों में शामिल मानसिंह के भाई माधो सिंह ने बाद में इसे अपनी रिहाइश बना लिया। यह किला चहारदीवारी से घिरा है जिसके अंदर घुसते ही दाहिनी ओर कुछ हवेलियों के अवशेष दिखाई देते हैं। भानगढ़ के किस्से अनेकों रहस्मय हैं जो अलग अलग तरह से लोगों के बीच आते हैं कहा जाता है कि भानगढ से सम्‍बन्‍िधत कथा उक्‍त भानगढ बालूनाथ योगी की तपस्‍या स्‍थल था। जि‍सने इस शर्त पर भानगढ के कि‍ले को बनाने की सहमति‍ दी थी कि‍ कि‍ले की परछाई कभी भी मेरी तपस्‍या स्‍थल को नही छूनी चाहि‍ये परन्‍तु राजा माधो सि‍हं के वंशजो ने इस बात पर ध्‍यान नही देते हुए कि‍ले का निर्माण ऊपर की ओर जारी रखा इसके बाद एक दि‍न कि‍ले की परछाई तपस्‍या स्‍थल पर पड गयी। जि‍स पर योगी बालूनाथ ने भानगढ को श्राप देकर ध्वस्‍त कर दि‍या। श्री बालूनाथ जी की समाध्‍ि‍ा अभी भी वहां पर मौजूद है। इसके अलावा इस इमारत से एक कहानी ओर जुड़ी हुई है, ऐसा माना जाता है कि भानगढ की राजकुमारी रत्‍नावती बेहद खूबसूरत थी जि‍सके स्‍वयंवर की तैयारी चल रही थी परन्‍तु उसी राज्‍य मे एक तान्‍तरि‍क सिंघि‍या नाम का था जो राजकुमारी को पाना चाहता था। लेकिन यह संभव नही था इसलि‍ए उसने राजकुमारी की दासी (जो राजकुमारी के श्रंगार के लि‍ये तेल लेने बाजार आयी थी) उस तेल को जादू से सम्‍मोहि‍त करने वाला बना दि‍या। राजकुमारी रत्‍नावती के हाथ से वह तेल एक चटटान पर गि‍रा तो वह चटटान तान्‍तरि‍क सिंघि‍या के ऊपर लुड़कते हुए गिर गई जिससे सिंघिया की मौत हो गई। सिंघिया ने मरने से राजकुमारी और उस किले को श्राप दे दिया जि‍ससे यह नगर ध्‍वस्‍त हो गया।

रोज आइलैंड (आवाज़ सुनो सन्नाटे कुछ कहते है)

 अंडमान के पोर्ट ब्लेयर में स्थित रोज आइलैंड भी किसी रहस्य से कम नहीं है। समुद्र के किनारे कुछ इमारतों के अवशेष हैं। यहां 1941 में भूकम्प आया था जिसके बाद इस इलाके में कोई नहीं रहता। आइलैंंड में चर्च, गार्डन और बॉलरूम के अवशेष देखने को मिलते हैं। यह काफी रोमांचक जगह है जहाँ पर्यटन आना पसंद करते हैं। चारों ओर सन्नाटे का बसेरा यहाँ आने वालों के लिए रोमांचक सैर साबित होती है। समुद्र की लहरों की आवाज़ें, आस-पास का घाना जंगल, जंगल से पत्तों की खरखराहट ,जहाँ नज़र उठे वहां तक पानी और कानों में पानी का शोर अपने आपमें किसी एडवेंचर से काम नहीं।

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